Published by – Bk Ganapati
Category - Religion, Ethics , Spirituality & New Age & Subcategory - Story
Summary - Mohjit Raja - The King who has won over attachment
Who can see this article:- All
Your last visit to this page was @ 2018-04-04 20:40:49
Create/ Participate in Quiz Test
See results
Show/ Hide Table of Content of This Article
See All pages in a SinglePage View
A |
Article Rating
|
Participate in Rating,
See Result
|
Achieved( Rate%:- NAN%, Grade:- -- ) |
B |
Quiz(
Create, Edit, Delete
) |
Participate in Quiz,
See Result
|
Created/ Edited Time:- 28-12-2017 01:09:30 |
C |
Survey( Create, Edit, Delete) |
Participate in Survey, See Result |
Created Time:- |
D |
|
|
|
Page No |
Photo |
Page Name |
Count of Characters |
Date of Last Creation/Edit |
1 |
|
Mohjit Raja |
28761 |
2017-12-28 01:09:30 |
Rating for Article:– Mohjit Raja ( Hindi ) ( UID: 171227140930 )
* Give score to this article. Writer has requested to give score/ rating to this article.( Select rating from below ).
* Please give rate to all queries & submit to see final grand total result.
SN |
Name Parameters For Grading |
Achievement (Score) |
Minimum Limit for A grade |
Calculation of Mark |
1 |
Count of Raters ( Auto Calculated ) |
0 |
5 |
0 |
2 |
Total Count of Characters in whole Articlein all pages.( Auto Calculated ) |
28767 |
2500 |
1 |
3 |
Count of Days from Article published date or, Last Edited date ( Auto Calculated ) |
2532 |
15 |
0 |
4 |
Article informative score ( Calculated from Rating score Table ) |
NAN% |
40% |
0 |
5 |
Total % secured for Originality of Writings for this Article ( Calculated from Rating score Table ) |
NAN% |
60% |
0 |
6 |
Total Score of Article heading suitability to the details description in Pages. ( Calculated from Rating score Table ) |
NAN% |
50% |
0 |
7 |
Grand Total Score secured on over all article ( Calculated from Rating score Table ) |
NAN% |
55% |
0 |
|
Grand Total Score & Article Grade |
|
|
---
|
SI |
Score Rated by Viewers |
Rating given by (0) Users |
(a) |
Topic Information:- |
NAN% |
(b) |
Writing Skill:- |
NAN% |
(c) |
Grammer:- |
NAN% |
(d) |
Vocabulary Strength:- |
NAN% |
(e) |
Choice of Photo:- |
NAN% |
(f) |
Choice of Topic Heading:- |
NAN% |
(g) |
Keyword or summary:- |
NAN% |
(h) |
Material copied - Originality:- |
NAN% |
|
Your Total Rating & % |
NAN% |
Details ( Page:- Mohjit Raja )
*मोहजीत राजा की कथा*
एक बार एक राजकुमार अपने कई सैनिकों के साथ शिकार पर गया वह बहुत अच्छा शिकारी था शिकार के पीछे पर इतना दूर निकल गया कि सारे सिपाही पीछे छूट गए अकेले पढ़ने का एहसास होते ही वह रुक गया उसे प्यास भी लग रही थी उसके पास में ही एक कुटिया दिखाई दी वहां एक संत ध्यान मग्न होकर बैठे थे राजकुमार ने संत के पास जाकर पूछा पानी मिलेगा संत ने राजकुमार का परिचय पूछा राजकुमार ने श्याम से कहा कि वह एक राजा का लड़का है जिसने मोह को जीत लिया है संत बोला असंभव एक राजा और moh पर विजय यहां मैं एक सन्यासी हूं तब भी मोह को जीत नहीं पा रहा हूं और तुम कहते हो कि तुम्हारे पिताजी एक राजा है और moh को जीत चुके हैं राजकुमार ने कहा ना केवल मेरे पिताजी बल्कि सारी प्रजा ने भी moh को जीत रखा है संत को इसका विश्वास नहीं हुआ❗
राजकुमार ने कहा कि आप चाहे तो इस बात की परीक्षा ले ले संत ने राजकुमार की कमीज मांगी और उसे कुछ और पहनने को दिया संत ने तब एक जानवर को मार कर अपने खून मैं राजकुमार की कमीज को डुबाया और वह शहर में चिल्लाता हुआ गया कि राजकुमार को एक शेर ने मार दिया शहर के लोग कहने लगे अगर वह चला गया तो क्या हुआ आप क्यों चिल्ला रहे हो वह उसका भाग्य था संत ने सोचा की प्रजा नहीं चाहती होगी कि राजकुमार भविष्य में राजा बने इसीलिए इस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही है संत महल में गया और राजकुमार की मौत की बात अपने भाई और बहन को सुनाई उन्होंने कहा कि अब तक वह हमारा भाई था अब किसी और का भाई बन जाएगा कोई हमेशा के लिए साथ तो नहीं रह सकता इसलिए रोने और चिल्लाने की आवश्यकता नहीं है❗
संत को लगा की बहन को दूसरा भाई अधिक पसंद है और भाई खुश है कि अब राज्य उसे मिलेगा इसलिए दोनों ने ऐसी प्रतिक्रिया व्यक्त की है फिर वह राजा के पास गया और खबर सुनाई पिता बोले आत्मा तो अमर और अविनाशी है इसलिए चिल्लाने की कोई बात नहीं है वह मेरा पुत्र था इसलिए मैंने सोचा कि वह राजा बनने वाला है लेकिन अब दूसरे पुत्र को राज्य मिलेगा मैं उसे वापस नहीं ला सकता हूं इसलिए दुख क्यों करूं संत सोच में पड़ गया लेकिन अभी और भी दो लोग बात की थी❗
राजकुमार की माता और पत्नी संत ने सोचा कि यह दो व्यक्ति तो जरूर व्याकुल होंगे लेकिन वहां से भी वैसा ही उत्तर पाकर संत आश्चर्य में पड़ गया उसे अपने आप पर ही विश्वास नहीं हो रहा था कि वह सच देख रहा है आखिर हार कर उसने अपने आने का उद्देश्य और राजकुमार को जिंदा होने की बात सुनlदी है राजकुमार ने वापस आकर अपना राज्य भाग संभाला और हर चीज पहले की तरह चलती रही❗
? इसका भावार्थ यही है मोह पांच विकारों में से एक है वह हमारी शांति को छीन लेता हैं परखने की शक्ति को खत्म कर देता है वह सच्चाई को खत्म करता है जिसमें वह है उसमें बुद्धिमानी नहीं हो सकती परमात्मा इस कथा से शिक्षा देना चाहते हैं कि *हमें दूसरों में मोह ना ही दूसरों का हम में मोह* हो तभी हम विश्व के मालिक बन सकते हैं❗?
End of Page
Please select any one of the below options to give a LIKE, how do you know this unit.