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Type: Article
Created By: Bk Ganapati
Title: Self Less Action
Unique Id: 171208075321 Create Time: 2017-12-08 18:53:21 Update Time: 08-12-2017 18:53:21 Category: Philosophy Subcategory: Story Summary: self less action, Niskam Karma
Table of Content of This Article
Page No Photo Page Name
1 Image Niskam Karma
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Details ( Page:- Niskam Karma )
निष्काम 
एक प्रयोग करके देखेंचौबीस घण्टे में एकाध काम निष्काम करके देखें,
सब तो करने मुश्किल हैं सिर्फ एकाध काम! चौबीस घण्टे में एक काम सिर्फ निष्काम करके देखें।

छोटा सा ही काम

ऐसा कि जिसका कोई बहुत अर्थ नहीं होता।
रास्ते पर किसी को बिलकुल निष्काम नमस्कार करके देखें।  उसमें तो कुछ खर्च नहीं होता!
लेकिन लोग निष्काम नमस्कार तक नहीं कर सकते।

नमस्कार तक में कामना होती है। मिनिस्टर है, तो नमस्कार हो जाता है।
पता नहीं कब काम पड़ जाए?
मिनिस्टर नहीं रहा अब, ‘एक्सहो गया, तो कोई उसकी तरफ देखता ही नहीं।
स्वयं मिनिस्टर ही अब नमस्कार करता है। वह इसलिए नमस्कार करता है कि फिर कभी काम पड़ सकता है।
कामना के बिना नमस्कार तक नहीं रहा। कम से कम नमस्कार तो बिना कामना के करके देखें।
आप हैरान हो जाएंगे,  अगर साधारण से जन को भी,  राहगीर को भी, अपरिचित को भी हाथ जोड़कर नमस्कार कर लें, बिना कामना के, तो भीतर तत्काल पाएंगे कि आनन्द की एक झलक गयी सिर्फ नमस्कार ही कोई बड़ा कृत्य नहीं,  कोई बड़ीडीडनहीं।

कुछ नहीं,  सिर्फ हाथ जोड़े निष्काम और पाएंगे कि एक लहर शान्ति की दौड़ गयी।
एक अनुग्रह,  एक ईश्वर की कृपा भीतर दौड़ गयी।

और अगर अनुभव आने लगे तो फिर बड़े काम में भी निष्काम होने की भावना जगने लगेगी।
जब इतने छोटे काम में इतनी आनन्द की पुलक पैदा होती है, तो जितना बड़ा काम होगा उतनी बड़ी आनन्द की पुलक पैदा होगी।

फिर तो धीरे धीरे पूरा जीवन निष्काम होता चला जायेगा..
Something has to start somewhere and some day......

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